हत्या प्रकरण में आरोपी को आजन्म सश्रम कारावास की सजा
खामगांव:-निपाणा में हत्या के मामले में आज खामगांव जिला व सत्र न्यायाधीश पी पी कुलकर्णी ने 302 के आरोपी को आजन्म सश्रम कारावास की सजा तथा 25 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है जुर्माना न अदा करने पर 1 वर्ष की अतिरिक्त सख्त मजदूरी की सजा सुनाई है
इस प्रकरण की हकीकत किस प्रकार है कि पिंपलगांव राजा पुलिस थाने अंतर्गत निपाणा निवासी नारायण वासुदेव अंभोरे नामक 63 वर्षीय वृद्ध ने पुलिस थाने में शिकायत दी की उसके खेत में से आरोपी पद्माकर शालिग्राम अंभोरे (32) यह लगातार 6 महीने से विद्युत कनेक्शन लेने की मांग कर रहा था लेकिन फिरयादी और उसका मृतक बेटा पांडुरंग नारायण अंभोरे यह दोनों इनकार कर रहे थे जिस कारण इस बात पर हमेशा वाद निर्माण होता रहा है गांव में भागवत सप्ताह शुरू था तब 15 दिसंबर 2019 को दोपहर 1:30 बजे पांडुरंग नारायण अंभोरे तथा रामभाऊ शंकर अंभोरे यह दोनों ने जेवण के पश्चात नारायण दत्तात्रेय अंभोरे की चाय की टपरी पर बैठे थे तभी वहां पर पद्माकर शालिग्राम अंभोरे 32 आया और उसने गाली गलौज कर पांडुरंग नारायण अंभोरे के साथ वाद निर्माण किया पांडुरंग अंभोरे वहां से उठ कर आगे जाने लगा था की तभी आरोपी पद्माकर शालिग्राम अंभोरे ने मृतक के पीछे जाकर चाकू से पांडुरंग अंभोरे पर 3 वार किया जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था घायल पांडुरंग नारायण अंभोरे को ग्रामवासियों ने स्थानीय शासकीय सामान्य अस्पताल में भर्ती किया किंतु उपस्थित डॉक्टर ने उसे मृत्यु घोषित किया मृतक के पिता नारायण वासुदेव अंभोरे की शिकायत पर पिंपलगांव राजा पुलिस में अपराध क्रमांक 246 19 के तहत धारा 302 अन्वय अपराध दर्ज कर प्रकरण को खामगांव के जिला व सत्र न्यायालय में दाखिल गया न्यायालय ने 9 गवाहों के बयान दर्ज किए जिसमें शिकायत करता निवृत्ति अंभोरे , वैधकीय अधिकारी डॉ राजन , पांच सैयद मुबश्शिर सैय्यद हादी , ए पी आय योगेश धोत्रे , ए पी आय सचिन लक्ष्मण चौहान की गवाही महत्वपूर्ण मानी गई और अब सिद्ध हो गया तब आज 5 अक्टूबर 2023 को जिला व सत्र न्यायाधीश पी पी कुलकर्णी हत्या के आरोपी पदमाकर शालिग्राम अंभोरे को आज जन्म शीम कारावास की सजा एव 25 हज़ार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई इस राशि में से 20 हज़ार रुपए की राशि शिकायतकर्ता नारायण वासुदेव अंभोरे को हत्या प्रकरण में आरोपी को आजन्म सश्रम कारावास की सजा सुनाई. सरकार पक्ष की ओर से एडवोकेट रजनी बावस्कर -भालेराव युक्तिवाद किया.
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